सहायक प्रोफेसर पद के लिए पीएचडी की अनिवार्यता खत्म!

TCN डेस्क, नई दिल्ली। 

यूजीसी कर रही है पीएचडी की अनिवार्यता खत्म करने पर विचार, बनेगी समिति



विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में स्थायी सहायक प्रोफेसर के लिए पीएचडी की अनिवार्यता को खत्म करने पर विचार कर रहा है यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने कहा कि हम इस बारे में गंभीरता से सोच रहे हैं। इसे लेकर एक समिति का गठन किया जा रहा है, जिसकी सिफारिश पर ही कोई निर्णय किया जाएगा। 
कुमार ने कहा कि कुछ साल पहले यूजीसी ने नियमों में बदलाव कर सहायक प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के लिए पीएचडी अनिवार्य बना दिया था लेकिन नए नियमों को लागू होने से पहले ही कोरोना महामारी आ गई जिस कारण इस नियम में छूट करने की दी गई है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि सहायक प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के लिए पीएचडी को अनिवार्य करने पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। 
" सहायक प्रोफेसर पद पर नियुक्ति के लिए पीएचडी को अनिवार्यता पर पुनर्विचार करने की जरूरत है क्योंकि बहुत सारे विषयों जैसे डिजाइन, विदेशी भाषाओं आदि के पीएचडी शिक्षक मिलना बहुत मुश्किल है। एक अच्छे शिक्षक और उसके पीएचडी होने में कोई सीधा संबंध नहीं होता है।"
एम जगदीश कुमार
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