छात्रों का उनकी काबिलियत के आधार पर होगा दाखिला



दिल्ली:  छात्रों को अब न कटऑफ लिस्ट का इंतज़ार करना होगा न ही कॉलेजों के चक्कर काटने होंगे । मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) ने यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में दाखिले के लिए एक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट का प्रावधान रखा हैं। 
मंत्रालय इस प्रावधान को जल्द ही अमल में लाने जा रहा है।अब छात्रों को कॉलेजों में दाखिले के लिए दौड़ लगाने की जरूरत नही है। केंद्र सरकार छात्रों की इस परेशानी को दूर करने का मन बना चुकी है।

छात्रों को अब न कटऑफ लिस्ट का इंतज़ार करना होगा न ही कॉलेजों के चक्कर काटने होंगे । मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) ने यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में दाखिले के लिए एक कॉमन एंट्रेंस टेस्ट का प्रावधान रखा हैं। मंत्रालय इस प्रावधान को जल्द ही अमल में लाने जा रहा है।

मानव संसाधन मंत्रालय इस प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के लिए उच्य स्तरीय कमेटी का गठन करेगा
जिसमें चर्चा के बाद प्रस्ताव को अमल में लाया जाएगा। हालांकि परीक्षा के स्वरूप को मंजूरी मिल चुकी है। नई एजुकेशन पॉलिसी के ड्राफ्ट में इस बात का जिक्र है।

कॉलेजों में दाखिले के लिए कॉमन टेस्ट एग्जाम को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के माध्यम से कराया जाएगा।
छात्रों का दाखिला अब उनकी काबिलियत के आधार पर होगा।

इसके पहले कई योग्य छात्र अच्छे कॉलेज में दाखला नहीं ले पाते थे।

पिछले दिनों ही 99 फीसद अंक ट्रेंड पर सवाल खड़े हुए थे। जिसकी वजह से योग्य छात्र अच्छे कॉलेज में एडमिशन लेने से चूक जाते थे। इन सब के अलावा चिंता का विषय यह भी है कि टॉप कॉलेजों की काट-ऑफ इतनी ज्यादा चली जाती है जिससे कई छात्र अपने पसंदीदा कॉलेज में दाखिला नहीं ले पाते थे।

नए प्रस्ताव के तहत कॉमन टेस्ट में छात्रों के प्रदर्शन पर उनकी कटऑफ लिस्ट जारी की जाए गी। फिर कॉलेज अपनी जरूरत के हिसाब से विद्यार्थियों के दाखिला दे सकेंगें।


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