टीसीएन डेस्क, नई दिल्ली।
साभार गूगल फोटो. |
मानव
संसाधन विकास मंत्रालय ने उच्च शिक्षा के बेहतर परिणाम प्राप्त करने के उद्देश्य
से प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने के लिए एक नई पीपीपी योजना, नेशनल एजुकेशनल एलायंस फॉर टेक्नोलॉजी (नीट) की घोषणा की है।
इसका
उद्देश्य आर्टिफिशल इंटेलीजेंस का इस्तेमाल करना है ताकि अध्ययन को विद्यार्थी
की जरूरत के अनुसार अधिक व्यक्तिगत और रूचिकर बनाया जा सके।
विद्यार्थियों को
विविधता प्रदान करने और शिक्षा को उनके अनुरूप बनाने के लिए प्रौद्योगिकियों के
विकास की आवश्यकता है। अनेक स्टार्ट-अप कंपनियां इसे विकसित कर रही हैं और मानव
संसाधन विकास मंत्रालय ऐसे प्रयासों की पहचान करके उन्हें एक साझा मंच के तहत लाना
चाहती है ताकि विद्यार्थी आसानी से इस तक पहुंच सकें। युवाओं को शिक्षित करना एक
राष्ट्रीय प्रयास है और मंत्रालय का एक पीपीटी मॉडल के जरिये ऐसी टेक्नोलॉजी
विकसित करने वाली एडटेक कंपनियों के साथ राष्ट्रीय संबंध विकसित करने का प्रस्ताव
है।
मंत्रालय यह सुनिश्चित करने के लिए एक सहायक के रूप में कार्य करेगा कि
आर्थिक रूप से पिछड़े छात्रों को बड़ी संख्या में स्वतंत्र रूप से समाधान उपलब्ध
हो। मंत्रालय एक राष्ट्रीय नीट मंच बनाएगा और उसका रखरखा करेगा जहां एक स्थान पर
तकनीकी समाधान उपलब्ध हों। एडटेक कंपनियां समाधान प्रदान करने के लिए जिम्मेदार
होंगी और नीट पोर्टल के जारिये शिक्षार्थियों का पंजीकरण करेंगी। वे अपनी नीति के
अनुसार शुल्क लेने के लिए स्वतंत्र होंगी। राष्ट्रीय हित के लिए उनके योगदान के
रूप में, उन्हें
एनईएटी पोर्टल के जरिये समाधान के लिए कुल पंजीकरण का 25% तक मुफ्त कूपन देने की
पेशकश करनी होगी। मंत्रालय सामाजिक / आर्थिक रूप से सबसे ज्यादा पिछड़े छात्रों को अध्ययन
के लिए मुफ्त कूपन वितरित करेगा।
एआईसीटीई
एनईएटी कार्यक्रम के लिए कार्यान्वयन एजेंसी है। इस योजना को मंत्रालय द्वारा गठित
एक सर्वोच्च समिति के मार्गदर्शन में चलाया जाएगा। एडटेक समाधानों के मूल्यांकन और
चयन के लिए स्वतंत्र विशेषज्ञ समितियों का गठन किया जाएगा। तैयार संक्षिप्त सूची
की एडटेक कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। शिक्षकों और
छात्रों के लिए एनईएटी समाधानों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए मंत्रालय
द्वारा जागरूकता कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
मंत्रालय का नवंबर 2019 की शुरुआत में एनईएटी को शुरू करने और उसे
चलाने का प्रस्ताव है।
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