स्वयंसेवकों की दी गयी महिलाओं से सम्बंधित समस्याओं की जानकारी

TCN डेस्क। 



पीयर एजुकेटर्स प्रशिक्षण के दुसरे दिन जिला महिला अस्पताल की युवा सलाहकार हेमलता और प्रियंका ने दिया स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण

झाँसी. राज्य परिवार नियोजन अभिनवीकरण सेवा प्रोजेक्ट एजेंसी (सिफ्सा) के अंतर्गत आज बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी में पीयर एजुकेटर्स को दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत महिलाओं से सम्बंधित समस्याओं की जानकारी दी गयी. आज के प्रशिक्षण में पीयर एजुकेटर्स को माहवारी, चक्रप्रजननगर्भ निरोधक उपायों के बारे में जानकारी दी गई।

          सिफ्सा मंडलीय परियोजना प्रबंधन इकाई के डॉ. आनंद चौबे ने पीयर एजुकेटर्स को संबोधित करते हुए कहा कि इस समय स्वास्थ्य एक बहुत बड़ी समस्या के रूप में उभर रहा है. युवा अनजाने में ही सही गलत रास्ते पर चले जाते हैं जिससे उन्हें बाद में नुकसान उठाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि पीयर एजुकेटर्स की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने आपपास के व्यक्तियों को स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या होने पर मदद करें और उचित सलाह दें.

          आज के प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षक हेमलता ने पीयर एजुकेटर्स को माहवारी के विषय में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि यह कोई अपवित्र या ऐसा काम नहीं है कि इससे महिलाओं पर कोई प्रभाव पड़ता है. यह जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है. उन्होंने कहा कि संतान पैदा करने के लिए माहवारी का होना जरुरी है. कई बार जब माहवारी की शुरवात होती है तो वह अनिश्चित रूप से आती है लेकिन उससे घबराने की जरुरत नहीं नहीं. समय के साथ ही वह ठीक हो जाता है.

          प्रशिक्षक प्रियंका ने पीयर एजुकेटर्स को प्रजनन, गर्भ निरोधक उपायों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि एक बच्चे से दुसरे बच्चे के बीच कम से कम तीन वर्ष का अंतर होना जरुरी है. इसके लिए स्थाई या अस्थायी गर्भ निरोधक का उपाय किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि इसके लिए तात्कालिक और दीर्घकालिक दोनों प्रकार के उपाय उपलब्ध हैं.

          नोडल अधिकारी सिफ्सा डॉ. श्वेता पाण्डेय ने कहा कि यदि किसी पीयर एजुकेटर्स के किसी जानने वाले को या स्वयं को कभी कोई शारीरिक मानसिक या किसी प्रकार की कोई समस्या हो तो बिना हिचक के डॉक्टरों से बात करनी चाहिए. इसके लिए सबसे पहले हमें स्वास्थ्य सलाहकार से परामर्श ले लेना चाहिए. बहुत बार गलतियों के कारण कुछ समस्याएं हो जाती हैं या जो समस्या नहीं है, हम उसको भी समस्या मान लेते हैं और परेशान होते हैं ऐसे में यह आवश्यक है कि हम अपने सलाहकार से परामर्श ले लें.

          कार्यक्रम अधिकारी सिफ्सा डॉ. उमेश कुमार ने बताया कि पूर्व परिक्षण के आधार पर चयनित पीयर एजुकेटर्स का आज प्रशिक्षण पश्चात् फिर से परिक्षण किया गया. उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण का बहुत ही सकारात्मक प्रभाव पीयर एजुकेटर्स पर देखा गया है. आगे के कार्यक्रमों के बारे में उन्होंने बताया कि अब स्वास्थ्य परिक्षण कार्यक्रम एवं डॉक्टर संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.

          राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम समन्वयक डॉ. मुन्ना तिवारी ने पीयर एजुकेटर्स से आग्रह किया कि आज जो जानकारी यहाँ आपको दी जा रही है उसे कम से कम दस लोगों तक पहुँचाने का कार्य करें इससे यह जानकारी 250 लोगों तक पहुंचेगी और फिर अगले चरण में बहुत आगे तक पहुँच जाएगी.

इस अवसर पांच उत्कृष्ट पीयर एजुकेटर्स नंदनी कुशवाहा, कोमल, चन्दन दुबे, पार्थ बलि, निकेता का सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में मंडलीय परियोजना इकाई के एस के सोनी एवं अन्य उपस्थित रहे. 


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