कॉलेज के विलय पर बवाल

TCN डेस्क।


महाराजा कॉलेज के विलय को लेकर छतरपुर विधायक राज्यपाल से मिले




छतरपुर विधायक आलोक चतुवेदीं भोपाल में राज्यपाल से मिलने के बाद लगातार महाराजा कॉलेज के विश्वविद्यालय में विलय किए जाने संबंधी सरकार के निर्णय का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने अब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह से महाराजा कॉलेज के संबंध में चर्चा करते हुए छतरपुर की जनभावनाओं को उनके समक्ष रखा।

विधायक की पहल पर नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी इस मुद्दे पर गंभीरता दिखाते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखते हुए विलय का विरोध किया है।

भोपाल में डटे विधायक आलोक चतुर्वेदी
विधायक अलोक चतुवेर्दी ने जानकारी देते हुए बताया कि छतरपुर के जनप्रतिनिधियों, शिक्षाविदों और समाजसेवियों व छात्रों के द्वारा दिए गए जापन पत्रों की जानकारी से उक्त दोनों

नेताओं को अवगत कराया गया जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखते हुए सरकार द्वारा 24 सितंबर को 130 वर्ष पुराने महाराज कॉलेज का विश्वविद्यालय में विलय किए जाने संबंधी निर्णय को वापिस लेने की मांग की है। इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री को बताया कि छतरपुर में महाराजा कॉलेज ऐतिहासिक धरोहर के रूप में जाना जाता है। इसमें प्रचुर संसाधन और छात्र संख्या मौजूद है। इस संस्था को खत्म न किया जाए, सरकार महाराजा कॉलेज और विश्वविद्यालय का अलग अलग संचालन करे। उल्लेखनीय है कि 4 अक्टूबर को विधायक आलोक चतुवेदी, विधायक नाती राजा, विधायक नीरज दीक्षित व वरिष्ठ समाजसेवी नारायण काले के साथ मिलकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंप चुके हैं। इस ज्ञापन के माध्यम से भी राज्यपाल से मांग की गई थी कि महाराजा कॉलेज का विलय न किया जाए।


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